गांजे का नशा कैसा लगता है? जानिए इसके असर, अनुभव और छुपी सच्चाई!

गांजे का नशा कैसा लगता है? जानिए इसके असर, अनुभव और छुपी सच्चाई!

गांजा, जिसे आमतौर पर Marijuana या Cannabis कहा जाता है, भारत समेत पूरी दुनिया में एक विवादित और जिज्ञासाजनक विषय बना हुआ है। बहुत से लोग सिर्फ शौक के लिए इसका सेवन करते हैं, तो कुछ इसे तनाव कम करने या मानसिक सुकून पाने के लिए अपनाते हैं। लेकिन सवाल वही है—गांजे का नशा कैसा होता है? क्या यह वास्तव में सुकून देता है या धीरे-धीरे आपको मानसिक और शारीरिक रूप से खोखला कर देता है?
इस लेख में हम गांजे के नशे के अनुभव, उसके प्रभाव, उससे जुड़ी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं और उससे जुड़ी Bipolar Disorder जैसी स्थितियों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

गांजा क्या होता है? एक संक्षिप्त परिचय

Cannabis पौधे से प्राप्त एक मनो-सक्रिय पदार्थ है जिसे आमतौर पर सूखे फूलों, पत्तियों या रेजिन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। भारत में इसे "गांजा", "चरस" और "भांग" जैसे नामों से जाना जाता है।
इसमें पाया जाने वाला मुख्य रसायन THC (Tetrahydrocannabinol) मस्तिष्क पर प्रभाव डालता है और नशे की स्थिति पैदा करता है।

गांजे का नशा कैसा होता है?

गांजे का असर व्यक्ति की मानसिक स्थिति, सेवन की मात्रा और शरीर की संवेदनशीलता पर निर्भर करता है। सामान्यतया इसके सेवन के बाद निम्नलिखित अनुभव हो सकते हैं:

  • अचानक हंसी या खुशी की लहर महसूस होना

  • समय की गति का भ्रम (समय धीमा या तेज लगना)

  • इंद्रियों का तीव्र अनुभव — जैसे आवाज़ें तेज़ लगना, रंग चमकीले दिखना

  • शरीर में हलकापन या सुन्नता

  • सोचने की क्षमता में बदलाव

लेकिन इन सबके साथ ही नकारात्मक प्रभाव भी हैं, जो लंबे समय तक सेवन करने पर ज्यादा दिखाई देते हैं।

गांजे के मानसिक प्रभाव: खतरे की घंटी

जहां कुछ लोग इसे Mental Health के लिए सहायक मानते हैं, वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि गांजा मानसिक समस्याओं को जन्म दे सकता है या बढ़ा सकता है।

1. चिंता और घबराहट (Anxiety and nervousness)

कुछ लोगों में गांजे का सेवन करने के बाद panic attacks और अत्यधिक घबराहट के मामले देखे गए हैं।

2. अवसाद (Depression)

लगातार सेवन से मस्तिष्क की dopamine प्रणाली प्रभावित होती है जिससे व्यक्ति अवसादग्रस्त हो सकता है।

3. द्विध्रुवी विकार (Bipolar Disorder)

शोध से पता चला है कि Bipolar Disorder से पीड़ित व्यक्तियों में गांजे का सेवन मैनिक एपिसोड को और गंभीर बना सकता है।

गांजा और युवा: एक खतरनाक खेल

आज के युवा गांजे के नशे को ‘cool’ या ‘trendy’ समझने लगे हैं। लेकिन यह नशा धीरे-धीरे एक habit forming substance में बदल सकता है।
कई किशोर और युवा इसकी लत में इस कदर फंस जाते हैं कि उन्हें इससे निकलने के लिए rehab centers की सहायता लेनी पड़ती है।

गांजा: क्या कभी फायदेमंद भी हो सकता है?

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो गांजे के कुछ तत्वों जैसे CBD (Cannabidiol) में दर्द निवारक और मानसिक सुकून देने वाले गुण पाए गए हैं।
अमेरिका जैसे देशों में इसे कुछ Medical Conditions में वैध किया गया है, जैसे:

  • कैंसर के दर्द में राहत

  • Epilepsy के मामलों में दौरे कम करना

  • PTSD (Post-Traumatic Stress Disorder) में मानसिक सुकून

लेकिन ध्यान रखें—ये उपयोग डॉक्टर की देखरेख में और नियंत्रित मात्रा में किए जाते हैं, न कि नशे के रूप में।

भारत में गांजे की कानूनी स्थिति

भारत में NDPS Act, 1985 के तहत गांजे का उत्पादन, बिक्री और सेवन प्रतिबंधित है। हालांकि भांग का सेवन कुछ राज्यों में सांस्कृतिक रूप से स्वीकार्य है।

गांजे से दूरी बनाना क्यों जरूरी है?

  • यह धीरे-धीरे आपकी Mental Health को कमजोर करता है

  • संबंधों में दरार, काम और पढ़ाई में बाधा

  • नशे की आदत में फंसने का खतरा

  • समाज में प्रतिष्ठा और विश्वास का ह्रास

नशा छोड़ने की दिशा में पहला कदम

  • Mental Health Counselor से संपर्क करें

  • Meditation और Yoga को जीवनशैली में शामिल करें

  • Support Groups से जुड़ें

  • किसी अनुभवी डॉक्टर से De-addiction Program के बारे में सलाह लें

निष्कर्ष: गांजे का नशा — दिखावे की राहत, अंदर से खोखलापन

"गांजे का नशा कैसा होता है?" — इसका जवाब सिर्फ तात्कालिक अनुभवों तक सीमित नहीं है।
यह एक धीमा जहर है जो धीरे-धीरे जीवन के हर पहलू को निगलता है। मानसिक स्वास्थ्य से लेकर सामाजिक रिश्तों तक, यह नशा एक गहराई में ले जाता है जिससे बाहर आना आसान नहीं।

Marijuana, Cannabis, और अन्य नशीले पदार्थों से दूरी बनाकर एक स्वस्थ, सशक्त और संतुलित जीवन की ओर बढ़ना ही सही विकल्प है।
अगर गांजे का नशा किसी महिला की ज़िंदगी को निगल रहा है, तो अब समय है मदद लेने का- Athena OKAS Female Rehabilitation Centre उसके लिए एक नई शुरुआत बन सकता है

Frequently Asked Questions

गांजे का असर आमतौर पर 2 से 6 घंटे तक रह सकता है, लेकिन कुछ मामलों में 24 घंटे तक मानसिक प्रभाव बना रह सकता है।

हाँ, लंबे समय तक सेवन करने से यह Anxiety, Depression और Bipolar Disorder जैसी मानसिक बीमारियों को बढ़ा सकता है।

जी हाँ, Rehabilitation, काउंसलिंग और व्यवहारिक चिकित्सा से गांजे की लत से बाहर निकला जा सकता है।\r\n

सीमित मात्रा में और चिकित्सकीय निगरानी में CBD आधारित उत्पादों का उपयोग कुछ बीमारियों में मददगार हो सकता है।\r\n

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